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आखिर क्यों नहीं समझ रही है सरकार किसानों का दर्ज... आईबीखान की कलम से विशेष

आईबीखान की कलम से विशेष
मारवाड सहित प्रदेश के विभिन्न भागो मे पिछले दिनों हुई बेमौसमी बरसात एवं अतिवृष्टि के कारण किसानों की बर्बाद हुई फसलों का उचित आकलन करवाने एवं पीडित किसानों को राहत पैकेज देने की माँगो को लेकर प्रमुख विपक्षी दल काँग्रेस सहित किसानों के विभिन्न सँगठनो व्दारा आये दिन प्रदेश के विभिन्न इलाकों मे धरना प्रदर्शन कर राज्य सरकार पर पूरा दबाव बनाने का प्रयास किये जाने के बावजूद राज्य सरकार का दिल किसानों के प्रति अभी तक पसीजा नहीं है।राहत पैकेज की घोषणा करना तो दूर फिलहाल राज्य सरकार ने बेमौसमी बरसात व अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का अभी तक सरकारी स्तर पर फसल खराबे का सर्वे करवाने का फरमान जारी नहीं करना इस बात को अगित कर रहा है की सरकार की मँशा सर्वे करवाने की शायद नहीं है।यह दिगर बात है कि खरीफ की फसलों की गिरदावरी करने का काम बेमौसमी बरसात से पहले ही हल्का पटवारीयो व्दारा किया जा चुका था,लेकिन फसल खराबे के लिए अभी तक ऐसे कोई आदेश जारी नहीं हुए है।यदि आजकल मे हो भी गये होगे तो अभी तक निचले स्तर तक नहीं पहुंचे है।अपनी फसलों की तबाही का मँजर देख चुके हजारों किसानों को आज भी यह उम्मीद है कि भले ही राम रूट गया हो,मगर राज नहीं रूटेगा,लेकिन सरकार की स्थिति को देखकर लगता है कि अब तो राज भी रूटने लगा है।कहने को तो हम किसानों को देश का अन्नदाता कहते है,मगर अन्नदाता की वर्तमान दशा क्या हो रखी है यह देखने वाला कोई नहीं है।अकेले जैतारण क्षेत्र की स्थिति का आकलन किया जाय तो यहां के किसानों की 50 फीसद फसलें बेमौसमी बरसात से खराब हो गई, लेकिन इसे भी नकारा जा रहा है।आखिर यह तो कोई बताए की इतना नुकसान होने पर सरकार का किसानों के प्रति दिल पसीज जाता है...।9413063300

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