...और अब चौधरी ने भेजा मंत्री गोयल को बधाई संदेश
जैतारण(आईबीखांन)।
विधानसभा चुनावो मे यधपि अभी कुछ समय बाकि है,लेकिन जैतारण की सियासत इन चुनावो की आहट मे अभी से करवटे बदलना शुरू हो गई है।जैतारण के इन चुनावो मे यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो हमेशा की तर्ज पर मंत्री सुरेन्द्र गोयल एवं पूर्व संसदीय सचिव दिलीप चौधरी फिर आमने सामने होगे...!शायद इसको मध्यनजर रखते हुए पूर्व संसदीय सचिव चौधरी ने गोयल के नाम एक बधाई संदेश भेजकर सियासी हल्को में नया तीर छोड़ा है।चौधरी ने गतदिनो जैतारण मे आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम मे मंच के माध्यम से कहा कि जैतारण क्षेत्र मे जवाई बांध योजना का पानी लाना उनकी सरकार की देन है,यह बात भले ही जनमानस के गले उतरे या न उतरे,लेकिन चौधरी की यह बात मुझे तो अबतक हजम नही हो रही है,भला 2007 मे वसुधंराराजे ने इस योजना की घोषणा कर 2013 तक जैतारण क्षेत्र मे इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था,यह सर्वविदित है।हा यह सही है कि चौधरी ने उस समय इसका प्रखर विरोध करते हुए इस पर जो सवाल खड़े किये थे वो मुझे भी लाजमी लगे।माफ करना चौधरी साहब जवाई बांध योजना आपकी देन नही है,हां 2008 के चुनावो मे आप निर्दलिय मैदान मे थे तब आपके चुनाव एजेडे मे जैतारण को हिमालय का पानी पिलाना मुख्य बिन्दुओ मे एक था...!आप चुनाव जीत भी गये और पूरे पांच साल तक लालबत्ती मे रहे,आपने उस दरम्यान विकास के कई आयाम भी स्थापित किये,लेकिन हिमालय का पानी नही ला पाये,इस पर आपका तर्क है की उस समय के जलदाय मंत्री से आपकी अनबन रही,अब जब जैतारण शहर मे वर्षो पुरानी जवाई बांध का पानी आते देख इसका श्रैय लेते हुए जलदाय मंत्री को जैतारण मे हिमालय का पानी लाने के लिए बधाई संदेश का पत्र मंत्री गोयल के नाम भेजकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने का मानस बना रहे हो तो यह जायज नही है।आपको याद होगा या न होगा लेकिन मुझे जरूर याद है 23फरवरी 2009 को गोयल ने मेरे मार्फत आपके पास ही ऐसा संदेश भिजवाया था कि यदि संसदीय सचिव दिलीप चौधरी जैतारण मे हिमालय का पानी लाते है तो गोयल चौधरी का सार्वजनिक रूप से स्वागत करेगे।क्योकि यह तो आपको एवं गोयल को अच्छी तरह पता था की जहां पर जो योजना एकबार स्वीकृत हो जाती है,उसे बदलकर दूसरी योजना बनवाना आसान नही है।चुकि अब सुरेन्द्रगोयल जलदाय मंत्री है तो चौधरीजी आपने भी लगे हाथ उनसे हिमालय का पानी लाने की मांग करते हुए इसके लिए उनको बधाई संदेश भेजकर जो तीर छोड़ा है वो तीर कितनी मार करेगा यह अलग बात है,लेकिन चलते चलते मे आपकी तारीफ जरूर करूगां की आपके मन मे आज भी हिमालय के पानी का दर्द तो है...!मे भी जवाई के स्थान पर हिमालय के पानी को महत्व देता रहा हूं,जवाई की योजना तो बरसात पर निर्भर होगी जबकि हिमालय का पानी तो हिमालय ही है...9413063300
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