...यहां खुले मे शौच करने जाना मजबूरी है। (जैतारण/आईबीखान)।
केन्द्र एवं राज्य सरकार एक और जहां खुले मे शौच करने वालों को खुले मे शौच नहीं करने के लिए जन जागृति अभियान चला रही है।इस अभियान के लिए सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर रही है,लेकिन राज्य सरकार के जलदाय मँत्री के गृह नगरपालिका क्षेत्र मे पालिका अधिकारीयो की लापरवाही के कारण इस अभियान की जैतारण मे हवा निकल रही है।यहां स्थिति यह है की पालिका प्रशासन व्दारा खुले मे शौच नहीं करने वालों के लिए लाखों रूपये किमती मोबाईल वाँस टायलेट शहर के सार्वजनिक स्थानों खासकर बस स्टेशन पर नहीं लगाने के कारण यहां दूर से आने वाले यात्रियों को इस सुविधाओं के अभाव मे मजबूरी मे खुले मे शौच करने जाने को मजबूर होना पड रहा है।जबकि जैतारण नगर पालिका के पास लाखों रूपये के किमती मोबाइल वाँस टायलेट होने के बावजूद उनको सार्वजनिक उधान मे पिछले सात आठ महिनो से वहां खडा कर रखा है,जिनका कोई उपयोग नहीं लिया जा रहा है।दरअसल जैतारण बस स्टेशन पर सार्वजनिक सुलभ शौचालय नहीं होने के कारण सुबह के समय मे विभिन्न बसो से आने वाले यात्रियों को शौच करने के लिए शौचालय जाने के लिए इधर उधर भटकना पडता है,जहां उनको यह सुविधा नहीं मिलने के कारण मजबूरी मे उनको खुले मे शौच के लिए जाना पडता है।कई बार महिला यात्रियों को इसके लिए भारी परेशानियों का सामना करना पडता है।मुझे यह बात लिखते अपने आप को शर्म आ रही है की कई बार अनजान यात्री शौच के लिए अँधेरे मे दुकानों के आसपास बैठ जाते है जिससे सुबह के समय दुकानदारों को अपनी दुकानें खोलने मे भी परेशानी झेलनी पडती है।चुकी जैतारण शहर माननीय मँत्री का गृह नगर होने के कारण यात्रियों को यह उम्मीद रहती है की जैतारण मे सार्वजनिक सुलभ शौचालय की व्यवस्था होगी, लेकिन जैतारण नगर पालिका के अधिकारी यह व्यवस्था करने मे अब तक कामयाब नहीं हो पाए है।सार्वजनिक पार्क मे अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाने वाले मोबाइल वाँस टाइलेटो को यदि जैतारण मे कई लगना ही नहीं था तो फिर पालिका ने इसकी खरीद ही क्यों की,यह बडा सवाल बन रहा है।मझेदार बात तो यह है कि पालिका के अधिकतर जनप्रतिनिधियो को भी यह पता नहीं है की नगर पालिका के पास मोबाइल वाँस टायलेट मौजूद है जो सार्वजनिक पार्क मे कब्बाड बन रहे है...9413063300
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