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यहां नहीं है किसको जान की परवाह...!

जैतारण-आईबीखान...
इसे नगरपालिका की लापरवाही कहे या डिस्काम की अनदेखी, क्योंकि इन्हें किसी की जान की परवाह नहीं है।जी हा अपन बात कर रहे है जैतारण नगरपालिका परिक्षेत्र की जहां रोडलाईटो को बँद एवं चालू करने के उन उपकरणों की जो जगह जगह खुले पडे है जिनमें हरदम कँरट प्रवाहित होता है,लेकिन इनको दुरस्त करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।हमने ऐसे अधरझूल लटक रहे रोडलाईटो के इन उपकरणों की पडताल की तो पता चला की शहरभर की रोडलाईटो के यह उपकरण पिछले लम्बे समय से यू ही खूले पडे है,जहां इनमें कँरट प्रवाहित होता है।हमने देखा की कई जगहों पर इनके खुले तार जमीन की सतह से कुछ ही उपर लगे हुए है जहां कोई भी मूक पशु इनको आसानी से छू सकता है।उल्लेखनीय है कि जैतारण नगरपालिका व्दारा शहर की रोडलाईटो के रखरखाव के लिए सालाना लाखों रुपये खर्च करती है,लेकिन वास्तविक रूप से इन पर कितना खर्च होता है,इसकी स्थिति इन खुले एवं अधरझूल रहे रोडलाईटो के उपकरणों को देखकर इसका अँदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।शहर के भीडभाड एवं अन्य स्थानों पर खुले लटक रहे इन विधुतप्रवाहित होने वाले तारो से हरदम खतरा मँडराता रहता है,लेकिन इनको सही करने की दिशा मे कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सनद रहे की बरसात के दिनों मे कई बार बेसहारा गायो के इनके चपेट मे आने से मौतें होने के बावजूद इस पर न तो पालिका प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही डिस्काम...!हैरत की बात तो यह है की दोनों ही एक दूसरे पर इसकी जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाड रहे है।जबाबदारी चाहे किसी की भी हो,लेकिन अपनी जबाबदारी से मुह मौडकर किसी की जान की परवाह नहीं करना यह लाजमी बात नहीं है।गनीमत यह है की अभी तक कोई इँसान इसकी चपेट मे नहीं आया, आजतक इसके शिकार केवल बेसहारा गाये ही आती रही है...!9413063300

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