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आखिर क्यो गुमराह कर रहा है जलदाय विभाग...!


-आईबीखान की कलम से
देखिये क्या कयामत आई है,अब तक आमजन को गुमराह करने वाले अधिकारी अब अपने विभाग के मंत्री को ही गुमराह कर रहा है।जी हां अपन बात कर रहे जैतारण के जल महकमे की जहां उनके कारकून अपने ही विभाग के मंत्री को गुमराह कर उनके व्दारा जैतारण शहरवासीयो के लिए स्वीकृत करवाई गई लाखो रूपयो की पाईप लाईन बिछाने के कार्य को आमजन की मंशानुसार नही बल्कि अपनी मनमर्जी से ही अपने चेहते स्थानो पर बिछाने की रणनीति तैयार कर दी।जबकि जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने शहर की वर्षो पुरानी शहर की भूमिगत क्षतिग्रस्त हो चुकि पाईप लाईन को बदलने के लिए यह कार्य स्वीकृत करवाया,लेकिन स्थानीय जलदाय विभाग की मंशा कुछ और ही है।जलदाय विभाग की इस मंशा को भापकर ही मैने कल मंत्रीजी के दरबार मे इस बाबत जलदाय विभाग के अधिकारीयो से मंत्रीजी व्दारा स्वीकृत करवाई गई पाईप लाईनो के बिछाने के स्थानो के बारे मे जानने का प्रयास किया,लेकिन अधिकारी मेरे सवाल को काटते ही रहे,अपन भी अधिकारीयो का पीछा नही छोडा लेकिन वे बातो ही बातो मे सवालो का टालमटोल करते हुए वहां से चले गये।आखिर मंत्रीजी से ही सवाल किया तो पता चला की उन्होने तो यह पाईप लाईन शहर की क्षतिग्रस्त हो चुकि पाईप लाईनो की जगह बिछाने के लिए स्वीकृत करवाई।मैने उनको अवगत करवाया की विभाग ने तो यह पाईप लाईन अन्य जगह डालने की तैयारी मे जुटा हुआ है।फिर क्या हुआ मंत्रीजी ने जल महकमे के अधिकारीयो को तलब किया तो पता चला की विभाग वाकई मे नये स्थानो पर ही पाईप लाईन बिछाने की तैयारी कर रहा है।विभागीय अधिकारीयो के तर्क भी निराले है की शहर मे सिवरेज का काम चल रहा है,इसलिए यह काम नही हो सकता,जबकि सिवरेज के साथ साथ पाईप लाईन बिछाई जा सकती है,क्योकि शहर की गलियो एवं प्रमुख सडके वैसे भी सिवरेज के कारण उखडी हुई है,जहां विभाग को दुबारा सडको को उखाडने की यू भी आवश्यकता नही है,लेकिन जलदाय विभाग न जाने क्यो बार बार शहर मे पाईप लाईन बिछाने के लिए कुतर्क दे रहा है।हालांकि मंत्रीजी ने अधिकारीयो को यह सख्त हिदायत दी की नई पाईप लाईन बिछाने से पहले उनको यह जरूर बतावे की विभाग कहा कहा पाईप लाईन बिछाएगा...।लेकिन मेरे जहन मे न जाने बार बार एक सवाल उठ रहा है की आखिर जलदाय विभाग पाईप लाईन बिछाने के लिए मंत्रीजी को गुमराह क्यो कर रहा है।जैतारण शहर मे 40 वर्ष पहले बिछाई गई पाईप लाईने क्या अब तक सुरक्षित है...।यदि वे सुरक्षित है तो फिर शहर मे आये दिन मटमेला पानी आने की शिकायते क्यो आ रही है।35-40 वर्ष पहले शहर की आबादी के लिहाज से बिछाई गई यह लाईन आज की बढी आबादी के लिहाज से उचित है।ऐसे कई सवाल है,लेकिन इन सभी बातो को आखिर जलदाय विभाग क्यो नजरअंदाज कर रहा है यह समझ के परे है...9413063300

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