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खान मीडिया व्यू...रामपुरा हत्याकाण्ड प्रकरण...!

आईबीखान की कलम से
रामपुरा के निकट कल लूट के इरादे से हुई दम्पति की निर्मम हत्या का राज खोलने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के निर्देश पर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है।इस दोहरे हत्याकाण्ड को निर्ममतापूर्वक अंजाम देने वाले जो भी रहे है वो मृतक दम्पति से पूर्व परिचित जरूर रहा होगा,मे यह दावा तो नही करता लेकिन अपने अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूं की हत्यारे और मृतको मे आपसी पहचान जरुर रही होगी।अबतक के ऐसे मामलो मे वे लोग ही सामने आते रहे है जिनका संबध अप्रत्यक्ष रूप से मृतको से रहने पर पुलिस के समक्ष ऐसे मामले की परते खुलने पर सामने आते रहे है।कुछ साल पहले बासियां पिपलियाकलां मे भी इसी तर्ज पर एक वारदात को अंजाम दिया गया था,जहां रायपुर पुलिस की पड़ताल मे वारदात को अंजाम देने वाले वे अपराधी निकले जो उनके घर पर रंग रोगन कर रहे थे।पिछले दिनो बिलाड़ा मे भी एक सीरवी समाज व्यक्ति की लूट के बाद हत्या कर दी,पुलिस पड़ताल मे सामने आया था की उनकी हत्या ही मृतक व्दारा लुटेरो की पहचान होने के भय से ही की गई थी।बिलाडा मे ही कुछ साल पहले लूट के इरादे से तिहरा हत्याकाण्ड हुआ जहां पुलिस पड़ताल मे उस समय भी वे ही आरोपी निकले जो उनके घर आना जाना था।कुछ ऐसा ही वाक्य कुछ साल पहले जैतारण क्षेत्र के लिथरीया ग्राम मे तिहरे हत्याकाण्ड के रूप मे हुआ जहां पडताल मे घटना को अंजाम केवल मात्र पहचान होने के भय से ही दिया गया।पाली जिले मे पिछले कुछ दिनो से कंटी इत्यादि लूट की वारदाते जो वारदाते हुई उनमे जितने भी आरोपी होगे या निकले उनमे से किसीकी भी पहचान पीड़िताओ से नही थी,परिणाम यह देखने को मिला की उन्होने लूट की वारदातो को अंजाम तो दिया लेकिन हत्या नही की थी।ऐसे दर्जनो उदारण सामने है।मुझे लगता है कि रामपुरा वाले हत्याकाण्ड मृतक या मृतका लुटेरो को पहचान गये होगे,हो सकता है लुटेरो को यह भय व्याप्त हो गया हो की हमें इन्होने पहचान लिया है,इस कारण उन्होने अपनी पहचान उजागर नही होने के कारण लूट के साथ ऐसा जघन्य अपराध कर दिया हो।जो भी हो इस हत्याकाण्ड का अंजाम पहचान ही सबसे बड़ी रही हो,बहरहाल जो भी हो पुलिस को एकबार इस ऐगल का ध्यान में रखकर अपनी जांच पड़ताल करनी चाहिए।ऐसा मेरा मानना है...9413063300

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