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आखिर आधे शहर में अंधेरा क्यो...?


जैतारण(आईबीखांन)।
खबर का शिर्षक पढकर भले अटपटा लग रहा होगा,लेकिन यह सत्य है कि जैतारण नगर पालिका की अंधेरगर्दी के कारण जैतारण शहर की आधी आबादी आये दिन रात्रि में अंधेरे के आगोश मे रहने को मजबूर है,जबकि पालिका शहर की रोड़लाईटो के आवश्यक रखरखाव के नाम पर प्रतिमाह हजारो रूपये खर्च करने के बावजूद पूरे शहर मे इन रोड़लाईटो का प्रकाश फैल नही रहा है।बीती रात खांन मीडिया ने शहर के विभिन्न गली मौहलो का जायजा लिया,जहां पता चला की पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण कई जगहो पर तो पूर्णिमा की ध्वल चांदनी अपनी आभा बिखेर रही है तो अनेको जगहो पर अमावस्या की काली स्याही राते पालिका की रोड़लाईटो के रखरखाव व्यवस्था की कहानी खुद ब खुद बयां कर रही है।अंधेरे के आगोश में रहने वाले लोगो ने बताया की ऐसा आलम तो यहां आये दिन होता ही रहता है।मझेदार बात तो यह है कि मुख्य सदर बाजार जैसे इलाके मे तो आधा बाजार रोशनी से जगमगाहट तो आधे बाजार मे अंधेरे का आलम,कुछ ऐसे ही हालात शहर के सिपायान बड़ाबास,अस्पताल इलाका,गीता भवन क्षेत्र सहित कई जगहो पर आधे-आधे जगहो पर चमक चांदनी और अंधेरे का आलम देखने को मिल रहे है,जबकि हाईमास्क लाईटो का तो कोई जबाब ही नही...!बहरहाल रोड़लाईटो के नाम पर प्रतिमाह हजारो रूपये खर्च करने के बावजूद शहर मे यह हालात क्यो बने हुए है।यहां यह बताना जरूरी है कि जैतारण नगरपालिका के कुल 20 वार्डो मे तीन हजार से अधिक विधुत पोलो पर हाल ही मे नगरपालिका ने राज्य सरकार के निर्देश पर पुरानी लाईटो को बदलकर एल ई डी लाईटे लगाई है और वंचित स्थानो पर लगाई जा रही है...।9413063300

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