आखिर पटटो के लिए कब तक काटेगे वे चक्कर, मंत्रीजी आप तो कुछ करो...!
आईबीखांन की कलम से
जैतारण।स्थानीय शहरी निकाय की मुख्याजी एवं अधिशाषी अधिकारी के बीच पटटे वितरण करने को लेकर चली आ रही खिचतान के कारण यहां नियमानुसार पटटा लेने के लिए आवेदन करने वालो को इन दोनो की आपसी खिचतान के कारण शहरी निकाय के अलावा इन दोनों के पास चक्कर काटने पड़ रहे है,मगर उन लोगों का यह दुर्भाग्य ही है की यह लोग उनको उनके पटटे तो दिखाते है मगर उनका हाथ देने के लिए फिलहाल हिचकिचा रहे है।एक और जहां राज्य सरकार शहरी जनकल्याण शिविरों के माध्यम से अधिकाधिक लोगो को पटटे वितरण करने के अलावा उनकी जरूरी समस्याओं के समाधान पर जोर दे रही है,मगर अपनी शहरी निकाय को तो लगता है सरकार के आदेशों की तनिक भी परवाह नहीं है।10 मई से शुरू हुए इस अभियान की यदि मेरा जैसा कोई अनाड़ीकलमकार शिविर की उल्लेखनीय उपलब्धियो के बारे मे जानने का प्रयास कर ले तो पालिका की इस उपलब्धि के लिए उनके बारे मे बोलने के लिए कोई शब्द नहीं है।जैसा की पिछले दिनो इस अनाड़ीकलमकार को स्वयं मुख्याजी एवं अधिशाषी अधिकारी ने यकीन के साथ कहा था की सबको पटटे मिलेगे...!लेकिन मेरा सवाल आज भी यहीं है आखिर कबतक...?जैतारण नगरपालिका के इतिहास को जहां तक अपन ने पढा है,उसमे ऐसा कई पर भी कोई उल्लेख नहीं है की जब नगरपालिका पालिका मे चंद पटटो के लिए यू नूरा कुश्ती खैली गई हो जो इन दिनो खेली जा रही है।मै मुख्याजी पर ज्यादा कोई टिका टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योकि वे एक सम्मानिय जनप्रतिनिधि है,लेकिन उनको भी इसके लिए उदारवादी नीति अपनाने मे पीछे नहीं हटना चाहिए।आप के हस्ताक्षरो से जारी होने वाले पटटे कई आने वाली पीढियां आपको याद करेगी...!मुझे हैरत तो इस बात की हो रही है की माननीय अधिशाषी अधिकारी पिछले दिनो अपन को यह दिलासा दिलाया था की वे एकल हस्ताक्षर नियमों के तहत सभी आवेदकों को नियमानुसार पटटा वितरण करवा देगे,अरे महाराज उस बात को भी आज पूरा आधा महिना बीत गया है।आखिर आप लोग चाहते क्या हो।क्या यही चाहते की लोग हमारे दर पर चक्कर काटे,क्या आप यह चाहते की पटटे के बदले मे कुछ खटा तो कुछ मीठा हो...आप अपनी इच्छा तो प्रकट करो तो सही,लेकिन आप भी लोगो ऐसे पटटे दिखा रहे हो जैसे किसी जंगली शेर को पिजरे मे डालने से पहले शेर को मांस की बोटिया दिखाते है।चलते-चलते यह अनाड़ीकलमकार अब जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल से आग्रह करता है की हजूर आप इस मामले मे दखलंदाजी दे,आपकी दखलंदाजी के अभाव मे अपनी शहरी निकाय मे सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।यदि समय मिलेगा तो हजूर मे नारद बनकर आपसे मुखातिब होकर शहरी निकाय की खुली चर्चा करेगे, ताकि आपको भी पता चले की जैतारण निकाय मे चल क्या रहा है....9413063300
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