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पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने मे एक घर होली तो दूसरो के यहां दिवाली ना करे...!

जैतारण/आईबीखांन।
माननीय न्यायालय के आदेश एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार अपनी शहरी निकाय व्दारा शहर मे इन दिनो चलाये जा रहे अवैध अतिक्रमण हटाओ अभियान देर से ही सही मगर अब थोड़ी गति पकडऩे लगा है।वर्षों से द्रोपदी के चीर के मानिद इस शहर मे दिन ब दिन बढने वाले नाजायज कब्जो ने मेरे इस यार शहर की न केवल दशा, अलबत्ता दिशा ही बिगाड़ डाली थी,गोया अब जब पालिका ने शहर मे यह अभियान चलाया है तो लाजमी है शहर के सुरत-ए-हाल जरूर बदले नजर आएगें।इस अनाड़ीकलमकार की तो शुरू से ही यह मंशा रही है की अपने दोनों बस स्टेशनो का वैभव जोधपुर की नई सडक़ जैसा दिखे,लेकिन यह केवल अपनी कल्पना मात्र थी,वैसे कल्पनाएं तो करनी चाहिए, क्या पता कभी साकार भी हो उठे।शहरी निकाय के आला हुकमरानों ने खाखी वर्दी को साथ लेकर आज मुख्य बस स्टेण्ड इलाके मे अपना बुलडोजर चलाया तो देखते ही देखते मामूली निखार जरूर आया।इस अनाड़ीकलमकार के दिलों दिमाग मे न जाने क्यो हमेशा ही नकारात्मक बाते पहले जहन मे आती है,पालिका के इस कार्य की मे आज मुफ्तकंट से भूरी भूरी प्रशंशा करता हूं,लेकिन एक सवाल भी जरूर करना चाहता हू पालिका के हुकमरानों से क्या यह अभियान अस्थायी अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जा रहा है या इसमें स्थाही अतिक्रमणो को भी हटाया जाएगा।क्योंकि अबतक का इस शहरी निकाय का यह गौरवशाली इतिहास ही रहा है कि जब जब भी इन्होंने यह अभियान चलाया, उसकी गाज हमेशा छोटे तबके के लोगों पर ही गिरती आई है,जबकि प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमणो का आज दिन तक बाल भी बाका नहीं हो पाया है।हां एकबार मेरे इस यार शहर मे जब भैणाराम गहलोत जैसे अध्यक्ष थे तब एकबार शहर मे अवैध अतिक्रमण हटाने की ताबडतोड कार्यवाही की गई थी जहां बड़ो बड़ो की बुलंद इमारतों पर बुलडोजर चलाया था।यह दिगर बात रही की उस अभियान के कुछ महिनों बाद उन्हीं अतिक्रमणकारीयो ने नगरपालिका को मुह चिड़ाते हुए फिर से मंजिलों को तामीर कर दिया गया और ऐसी मंजिलों पर पालिका आज दिन तक कुछ नहीं कर पाई है।मेरा मानना यह है कि बेचारे छोटे दुकानदारो के यह अस्थायी अतिक्रमण कभी भी हटाये जा सकते है,असल मे अतिक्रमण तो वे लोग करके बैठे है,जिनके अतिक्रमण नगरपालिका ने लाखों रूपये खर्च कर हटाए थे,असल मे अतिक्रमण हटाने की पहल वहीं से की जानी चाहिए थी, ताकि उनको हटाते समय कोई विरोध करे तो उन्हें माननीय न्यायालय का यह फरमान बताकर उनको ध्वस्त किया जाना चाहिए।इस बहाने यह भी तो पता चले की इनकी शिफारिश कौन कौन करते है।हालांकि इस अनाड़ीकलमकार को अपने शहरी निकाय के अधिशाषी अधिकारी श्रीयुत हरीशचंद्र जी गहलोत ने बताया की इसबार का यह अभियान कुछ अलग है।यहां हटाये गये अतिक्रमणो पर यदि अतिक्रर्मी पुनः अतिक्रमण करेगा तो उसके खिलाफ चालान काटने के साथ ही शहरी निकाय के नियमो को अमल मे लाई जाएगी।चलते-चलते अपन तो यहीं कहेंगे महाराज की इस अभियान मे जहाँ तक हो सके आप एक घर होली तो दूसरे के यहां दिवाली मत करना...!क्योंकि यह बात अपन को कभी हजम नहीं होगी महाराज...9413063300

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