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उपेक्षा का शिकार है डाँ.भीमराव अम्बेडकर स्टेडियम... जैतारण-पाली।-आईबीखान...

जैतारण के मेडता प्रमुख सडक मार्ग पर पूर्वती काँग्रेस शासन काल मे जैतारण शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को तरासने के उद्देश्य से लाखों रूपये खर्च कर लगभग 35 बीघा की जमीन पर बनाये गये डाँ.भीमराव अम्बेडकर खेल स्टेडियम भाजपा के शासन मे राजनैतिक उपेक्षा का शिकार होकर अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है।राजनैतिक उपेक्षा का आलम यह है की प्रदेश मे सता परिवर्तन के बाद इस विशाल खेल स्टेडियम मे आधुनिक खेल सुविधाओं का विस्तार करना तो दूर बल्कि इसे भूला दिया गया।आज इसकी दशा और दिशा देखकर यही लग रहा है की इसकी दुर्दशा केवल इसी कारण से हो रही है कि यह खेल स्टेडियम काँग्रेस शासन काल मे तामीर किया गया था।लेकिन काँग्रेस के शासनकाल मे निर्माण होने का मतलब यह नहीं की यह किसी की निजी काँग्रेस की सम्पति हो गया।इस स्टेडियम का भव्य उदघाटन 26 जुलाई 2013 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्य अतिथि मे जब किया गया था तब शायद ही किसी ने यह कल्पना की होगी की इस स्टेडियम की ऐसी दशा होगी, जहां पूरे खेल मैदान मे कटली झाडिया एवं अग्रेजी बबूल उग जाएगे।स्टेडियम के मुख्यदार पर सँविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब अम्बेडकर की आदमकद मूर्ति भी लगी हुई है,लेकिन इसकी भी कोई सार सँभाल करने वाला नहीं है।बाबा साहब की पुण्यतिथि हो अथवा जयंती, यहां सरकारी स्तर पर इनको श्रध्दासुमन अर्पित करने न तो कोई जनप्रतिनिधि आता और न ही कोई सरकारी अधिकारीयो को इसके लिए समय मिलता।अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाती बाबा साहब अम्बेडकर की यह मूर्ति भले ही बोल तो नहीं रही है,लेकिन उनके व्दारा बनाये गये सँविधान मे शायद यह तो कई नहीं लिखा की सरकार बदलने पर पूर्वर्ती सरकारों की उपलब्धियों की इस तरह उपेक्षा की जाय...! होना यह चाहिए था की इस स्टेडियम मे यदि कोई कमी रह गई थी तो सरकार के नुमाइन्दो को पूरा कर इसके स्वरूप मे और निखार लाने का प्रयास करते, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है की यहां ऐसा नहीं किया गया।अब भी यदि इसकी उचित सार सँभाल की जिम्मेदारी कोई ले तो इसकी दशा मे सुधार किया जा सकता है।9413063300

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