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मँत्रीजी के शहर मे फूटती है जलधारा...!

(जैतारण-आईबीखान)
खबर का शिर्षक पढने मे भले ही अटपटा लग रहा है,लेकिन यह सत्य है कि जलदाय मँत्रीजी के अपने गृह शहर जैतारण मे जलदाय विभाग की लापरवाही के कारण शहरभर मे जगह जगह जलधारा इन दिनों कुछ ज्यादा ही फूट रही है।शहर के विभिन्न भागों मे वर्षों पहले बिछाई गई भूमिगत पाईप लाईनो के क्षतिग्रस्त होने के कारण इन दिनों शहर के कई भागों मे इन क्षतिग्रस्त लाईनो का पानी सडको पर बह रहा है,तो कई जगहों विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पेयजल सप्लाई के लिए लगे वाँल तक लीक होने के कारण जगह जगह पर सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है,लेकिन जलदाय विभाग व्यर्थ बहते पानी को रोकने मे नाकाम साबित हो रहा है।शहर मे यू तो सीवरेज लाईन बिछाने के चल रहे कार्य के कारण दर्जनों जगहों पर टूटी पाईप लाईनो के कारण शहरवासी यू भी दोहरी परेशानियों का सामना कर रहे है,लेकिन जहां सीवरेज का काम अभी शुरू ही नहीं हुआ उन स्थानों पर आये दिन पाईप लाईनो के क्षतिग्रस्त होकर मुख्य मार्गो पर जलधारा फूटना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे कर रहा है।प्रदेश के कई इलाकों मे लोग पानी के लिए भले ही तरसते होगें, लेकिन जैतारण मे व्यर्थ बहते पानी को देखकर तो नहीं लगता की यहां पानी की किमत कोई समझता है।हैरत की बात तो यह है की क्षतिग्रस्त पाईप लाईनो से व्यर्थ बहते पानी की कोई शिकायत जलदाय विभाग को करता है तो पहले तो इसका कारण सीवरेज की लाईनो को बताया जाता है,और सीवरेज के ठेकेदार भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड लेते है,ऐसी स्थिति मे शहर की सडके बिन बरसात के तरबतर हो रही है।इसमें कोई दो राय नहीं की मेरी यह बात जलदाय विभाग के अधिकारियों को जरूर कडवी लगेगी, मगर शहर के एक जिम्मेदार कलमकार के रूप मे कडवी बात लिखना मेरा फर्ज है...9413063300

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