सिवरेज मे तो शिरक्त,लेकिन गौरवपथ मे गायब क्यो...?
आईबीखान की कलम से...
जैतारण नगरपालिका परिक्षेत्र मे लगभग ढाई करोड की लागत से बनने वाले गौरवपथ का शनिवार को जलदाय मँत्री के कर कमलो व्दारा भव्य शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमे जैतारण नगरपालिका के काँग्रेस बोर्ड की अध्यक्षा सहित काँग्रेस के जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से गायब ही रहे,जबकि इसके शिलालेख पर पालिका अध्यक्षा एव उपाध्यक्ष तक का नाम अधिकारीयो ने इनकी गरिमा को ध्यान रखते हुए पूरे सम्मान के साथ अँकित करवाये गये।माना की मँत्री गोयल भाजपा के है जबकि पालिका का बोर्ड काँग्रेस का है,इसका मतलब यह तो नही की शहर के विकास कार्यो मे राजनीति की जाय या यू कहे की मँत्री के कार्यक्रमो से दूरी बनाकर रखी जाय।जहा तक मेरा मानना है कि मँत्री एव पालिका बोर्ड के बीच दूरी बनाये रखने के पीछे किसी बडी राजनैतिक हस्ती का दखल जरूर रहा है।राजनीति मे मतभेद होना लाजमी है,लेकिन विकास के कार्यो मे यू दूरिया रखना शहर के हित के लिए अच्छी बात नही है।यदि इनसे दूरी रखनी ही थी तो फिर पालिका का इसी मौजूदा बोर्ड ने कुछ महिनो पहले मँत्री गोयल के मुख्य अतिथि मे आयोजित पालिका परिक्षेत्र मे लगभग 45 करोड की लागत से बनने वाले सिवरेज प्रोजेक्ट के शिलान्याश कार्यक्रम शिरक्त क्यो की गई...? शायद इस सवाल का जबाब उनके पास नही है।यह दिगर बात है कि सिवरेज की कार्यकारी एजेन्शी नगरपालिका थी और गौरवपथ निर्माण की कार्यकारी एजेन्शी इसबार निर्माण विभाग है।मुझे लगता है यही खास वजह रही जिसके कारण पालिका का काँग्रेस बोर्ड गौरवपथ के शिलान्याश समारोह से गायब रहा।यदि पालिका बोर्ड और मँत्री के बीच बन रही दूरी इसी तरह चलती रही तो फिर पालिका घाटे मे ही रहेगी...! आम आदमी को भले ही यह ध्यान नही होगा,लेकिन राजनीति करने वाले माहिर खिलाडियो को यह अच्छी तरह पता है की किसी निर्माण कार्य को करवाने के लिए कार्यकारी सँस्था का चयन करना विधायक या मँत्री का विशेषाधिकार होता है।आखिर मे एक अहम सवाल यह भी है की क्या गौरवपथ निर्माण की एजेन्शी नगरपालिका होती तो क्या वे उस कार्यक्रम से भी गायब होते...शायद नही।पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले जो भी है वे अपनी राजनीति के लिए शहर के विकास मे सबसे बडा रोडा बनने की जो भूल कर रहे है उससे उनको फायदा कम बल्कि मुझे नुकसान ही नजर आ रहा है।राजनीति करने वाले को यह भी याद रखना चाहिए की जब मोदीजी एव बिहार के सी एम जो आपस मे घौर विरोधी माने जाते है वो भी बिहार जैसे प्रदेश की भलाई के लिए एक साथ कार्यक्रम साझा कर सकते है तो भला यह तो एक नगरपालिका है,इसमे ऐसी राजनीति उचित नही है...।9413063300
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