...यहां सुरक्षित नही है बेसहारा गाये।
जैतारण(आईबीखान):
इसे जैतारण नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही कहा जाय या फिर डिस्काम की अनदेखी,दरअसल शहर मे स्वच्छंद विचरण करने वाली बेसहारा गायो पर जैतारण मे जगह जगह मौत का साया हमेशा मंडरा रहा है।शहर के विभिन्न विधुत डीपीयो की पुख्ता सुरक्षा नही होने एवं नगरपालिका की रोड़लाईटो को आँन-आँफ करने वाले बाक्श खुले होने के कारण इनमे हमेशा ही कंरट प्रवाहित होता है,जहां कई बार इनके इर्द गिर्द बेसहारा गाये खाने के चक्कर में मुंह मारते ही इनके कंरट के झटके लगते है।शहर के दर्जनो स्थानो पर नगरपालिका एवं डिस्काम के खुले पड़े ऐसे बिजली के बाक्सो से कंरट लगने से बेसहारा गायो की मौते हो चुकि है,लेकिन इस और न तो नगरपालिका ध्यान दे रही है और न ही डिस्काम इन विधुत डीपीयो की पुख्ता सुरक्षा करने की पहल कर रहा है,अलबता गौभक्त भी इस बारे मे विभागीय अधिकारीयो को विधुत डीपीयो पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करवाने के लिए कोई दबाव बना रहे है।तस्वीर मे आप जैतारण नगरपालिका की लापरवाही का अनुमान इसे देखकर सहज ही लगा सकते है।ऐसे नजारे हर रोज देखने को मिलते है।जैतारण शहर मे एक दर्जन ऐसी विधुत डीपीया एवं विधुत बाक्स खुले पड़े है जहां आवश्यक रखरखाव के अभाव मे इनमें कंरट प्रवाहित होता रहता है,जहां यह मुकप्राणी इनकी चपेट मे आकर काल का ग्रास बन रहे है मगर इसे दुर्भाग्य ही कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी,क्योकि शहर की रोड़लाईट व्यवस्था के रखरखाव के नाम पर हर साल लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद जैतारण रोडलाईटो की पुख्ता व्यवस्थाओ का यह हाल है।जैतारण बस स्टेण्ड पर तो इनकी बदहाली का आलम यह है कि यहां लगी विधुत डीपी पर हरदम मौत का खतरा बना हुआ है,मेरी बात पढने वालो को भले ही कड़वी लगेगी,लेकिन जैतारण मे तो जिम्मेदार लोग भी इसके लिए मौन धारण किये हुए है...।9413063300
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