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इससे पालिका की नही बल्कि,बोर्ड की हो रही है किरकिरी...!


जैतारण(आईबीखांन)।
जनता अपने बेहतर विकास एवं विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए अपने पंसदीदा जनप्रतिनिधियो को चुनकर भेजती है,मगर जनप्रतिनिधि जब जनता से जुड़े मामलो मे मुंह मोड़ने लगते है तो यह चुनने वालो के साथ अन्याय ही माना जाता है।कुछ ऐसे ही दुविधा इन दिनो प्रदेश की चर्चित जैतारण नगरपालिका मे बनी हुई है, जहां मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविरो का आयोजन हो रहा मगर पालिकाध्यक्षा एवं अधिशाषी अधिकारीजी के बीच एक पटटे को लेकर चली आ रही खिचतान ने इन शिविरो को औपचारिक शिविर बनाकर रख दिया है। 10 मई से शुरू हुए इन शिविरो मे अब तक सैकड़ो पटटे वितरित हो जाने चाहिए थे,मगर दुर्भाग्य की बात यह है यहां इन शिविरो मे अब तक एक भी पटटा वितरण न हो पाना इस बात का संकेत है की माननीया अध्यक्षा एवं अधिशाषी अधिकारी के बीच तालमेल का अभाव है,अलबत्ता ऐसा नही होता तो अबतक यहां दर्जनो पटटे वितरण हो जाने थे। पिछले बीस दिनो से चली आ रही है पालिकाध्यक्ष एवं अधिशाषी अधिकारी के बीच  खिचतान मे मे दर्जनो पटटे अटके पड़े है,जहां पालिका मुख्या एक पटटे की जिद मे शेष पटटो पर अपने दस्तख नही करने के कारण पटटे के लिए आवेदन करने वाले भटक रहे है।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय नगरपालिका मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसके आयोजन के नाम पर हजारो रूपये हररोज खर्च हो रहा है,एक अनाड़ी कलमकार के रूप मे इस बाबत मेरा मानना तो यही है की जब सरकारी मंशानुसार इन शिविरो मे आपसी खिचतान के कारण आमजन के काम नही हो रहे है तो फिर ऐसे शिविरो का औचित्य ही क्या है।पालिकाध्यक्षा पटटो पर हस्ताक्षर क्यो नही कर रही है,अपन इस बहस मे उलझना नही चाहते मगर इतना तो जरूर कहेगे की आपके दस्तख नही करने से यहां पालिका प्रशासन की नही बल्कि आपके बोर्ड की तो इससे किरकिरी जरूर हो रही है। पटटा के लिए नियमनुसार निर्धारित फीस जमा कराने वाले लोग अब अपने  पटटे के लिए भटक रहे लोगो को पटटे नही मिलने को लेकर अपन ने अधिशाषी अधिकारी से बात की तो उन्होने बताया की अब पालिकाध्यक्षा इन पटटो पर हस्ताक्षर करे या नही करे,हम एकल हस्ताक्षर नियमो के तहत सभी आवेदको को माननीय मंत्रीजी की गौरवमय उपस्थिति मे शुक्रवार या शनिवार तक पटटे वितरण कर देगे।यदि ऐसा होता है तो फिर इससे तो पालिकाध्यक्ष के साथ पालिका बोर्ड की किरकिरी ही होगी।अब भी समय है की कोई बीच का रास्ता निकालकर दोनो के बीच जो दूरीया बढ रही है वो दूरीया और बढती जाएगी।रहा सवाल उस अनोखे पटटे का तो उसका भी अधिशाषी अधिकारी को पालिका बोर्ड की बैठक आहुत कर सदन की पटल पर रखना चाहिए ताकि शेष जनप्रतिनिधियो को इसकी हकिकत का तो पता चले...9413063300

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