तो क्या कोठारीजी की बातो को वे आत्मसात करेगे...!
-आईबीखांन की कलम से
राजस्थान लोकायुक्त सचिवालय जयपुर द्वारा सोमवार को जैतारण पंचायत समिति के सभागार में आयोजित की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति एवं राजस्थान के लोकायुक्त श्री एस एस कोठारी द्वारा यहां उपस्थित जैतारण के विभिन्न विभागो के अधिकारीयो एवं कर्मचारीयो सहित जनप्रतिनिधियो के समक्ष लगभग 40 मिनट का भ्रष्टाचार पर दिया गया उनका उदबोधन वाकई में काबिल-ए-तारीफ था। श्री कोठारीजी ने जिस अंदाज में इन अधिकारीयो एवं जनप्रतिनिधियो को भ्रष्टाचार के विषय पर जो कुछ व्याख्या गई तो एक अनाडी कलमकार को यह लगा कि श्री कोठारीजी आज जनसुनवाई कम बल्कि इनको भ्रष्टाचार की नशीहत देने आये है और इस विषय पर वे इनकी कलाश ले रहे है। श्री कोठारीजी ने कहा कि सरकारी पद किस्मत के धनी लोगो को नशीब से मिलता है अतः उनको यह तनीक भी भान नही रखना चाहिये की वे बडे अधिकारी हैं। असल में वे जनता के सेवक है और जनता के लिए उनका काम करके वे जनता पर कोई अहसान नही कर रहे है बल्कि अपना फर्ज निभा रहे है। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रसंय देना बुरी बात है। उन्होने यहां तक कह दिया की भ्रष्टाचारीयो का सभी लोगो को सामाजिक स्तर पर बहिष्कार करने की जरूरत है क्योकि यह लोग इस योग्य नही है कि समाज एवं विभाग में उनकी प्रतिष्टा बढे। एक अनाडी कलमकार को उनकी यह बात बेहद ही लाजबाब लगी। उनकी यह बात मेरे अलावा जैतारण के दर्जनो सरकारी अधिकारीयो एवं कर्मचारीयो यहां तक की जनप्रतिनिधियो ने बडी तलीनता से सुना। यह दिगर बात है कि श्री कोठारीजी की भ्रष्टाचार के विषय पर जो कुछ भी उनको कहा उसे अपन ने तो आत्मसात किया मगर क्या जैतारण के अधिकारी उनकी इस बात को आत्मसात करेगें यह अहम सवाल है। हांलाकि जैतारण के अधिकारीयो की घोर ईमानदारी पर इस अनाडी कलमकार को तनीक भी संदेह नही है लेकिन जनसुनवाई के कार्यक्रम में आये कुछ प्रबुद्वजनो ने उनके कार्यो का जो बखान किया उसको सुनकर अपन हकाबका हो गये,कोई घटिया गौरवपथ निर्माण तो कोई घटिया सीवरेज का कार्य का बखान किया,यहां तक जैतारण नगरपालिका के उपाध्यक्ष शाब्बीर मुंशी ने तो ठेका प्रथा पर सवाल खड़े किये,यही नही वरिष्ट कांग्रेसी नेता श्री भंवरलाल भाटी ने तो लगे हाथ जनप्रतिनिधियो पर भ्रष्ट्राचार की जमकर भडास निकालते हुए यहां तक कह दिया के जनप्रतिनिधि भी इसके लिए कम जिम्मेदार नही है। लगभग 40 मिनट चले श्री कोठारी के उनके उदबोदन मे अपन ने देखा की कई अधिकारीयो की धड़कने तेज हो गई थी,चलते चलते अपन तो यही कहेगे की अधिकारी ज्यादा नही,बल्कि कोठारीजी की बातो को अपने जीवन मे थोड़ा आत्मसात जरूर करे.9413063300
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