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तो क्या उनका स्थानीय होने का मतलब यह है की वो अपराधी है...!


खरी खोटी...
आईबीखांन की कलम से
जैतारण तहसील क्षेत्र मे संचालित देश की चार प्रमुख सीमेंट इकाईयो के कारण आज देशभर मे जैतारण का नाम हो रहा है और इनके मालिक जैतारण की बदौलत अब अरबो मे खेल रहे है,लेकिन इतना होने के बावजूद जैतारण के युवाओ का शायद इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई हो ही नही सकता की सीमेंट इकाईयो के मालिको ने स्थानीय युवाओ को रोजगार देने के अपने सारे दरवाजे बंद कर बाहरी क्षेत्रो के युवाओ के लिए रोजगार के दरवाजे जी भर के खोल दिये है।मे व्यक्तिगत रूप से बाहर से यहां रोजगार पर आये युवा का कतई विरोध नही कर रहा हूं,क्योकि वे अपनी काबिलियत के दम पर आये है,और उनका कोई कसूर भी नही है,लेकिन एक स्थानीय अनाड़ी कलमकार होने के नाते जब ऐसे ही काबिलियत रखने वाले स्थानीय युवाओ को रोजगार की तलाश मे दर दर भटकता देखता हूं तो मन मे एक चुबन होती है।क्या उनको इसलिए ही सीमेंट इकाईयो के मालिक अपने यहां रोजगार नही दे रहे की वे स्थानीय है...!माफ करना हजूर आप भले अरबपति होगे,लेकिन कारखाना एक्ट तो थोड़ा बहुत इस अनाड़ी ने भी पढा है।जिल्द संख्या 65 मे स्पष्ट उल्लेख है कि जिस क्षेत्र मे कोई कारखाना स्थापित हो वहां यह ध्यान रखा जाय की स्थानीय नागरीको को किसी प्रकार की क्षति न पहुचे।उनकी आजीविका प्रभावित न हो,यदि उनकी जमीन आवाप्त की जा रही हो तो उसे मुआवजा के साथ आश्रित को स्थाही रोजगार के अलावा सामाजिक सरोकार के कार्यो को कंपनी बढावा देगी...!लेकिन यह सब किताबो मे ही लिखा हुआ है।कोई यह तो बताओ की आपने स्थानीय लोगो को कितना रोजगार दिया है और भविष्य मे कितने युवाओ को रोजगार देने की मंशा है।शायद मेरे इन सवालो के जबाब एक भी उधोगपति नही देगे।जैतारण के इन बड़े औधोगिक घरानो को तो स्थानीय युवाओ के नाम से इतनी नफरत हो गई है की वे जैतारण क्या,जिला पाली पढते ही उनके आवेदनो को निरस्त कर देते है,जैसे किसी आदतन अपराधी ने आवेदन कर दिया हो।हालांकि दो प्रमुख सीमेंट इकाई प्रबन्धको से इस अनाड़ी कलमकार के बीच मधुर संबध है,संबध कैसे है उसे सार्वजनिक नही करूगां,वो अपनी जगह है,लेकिन अपनी उल्लेखनीय काबिलियत की डिग्रीया लेकर दर दर रोजगार के लिए भटकते इन युवाओ को ऐसे फिरते देख मुझे शासन और प्रशासन पर भी गुस्सा आता है की आखिर वे भी तो उनसे पूछे की स्थानीय युवाओ का आखिर कसूर किया है,जो आप अपने इलाके के युवाओ को रोजगार क्यो नही देते...!क्या योग्यताधारी युवाओ का मात्र यही एक अपराध है की वे जैतारण इलाके के निवासी है...!हम भी नही कहते की अयोग्य युवाओ को रोजगार दो,हम भी नही कहते की हमारे युवाओ को उचा ओहदा दो,हम यह भी नही कहते की बाहरी क्षेत्रो के युवाओ को हटाकर हमे रोजगार दो,ऐसी कई बाते है जिन पर इन औधोगिक घरानो को समझना होगा,यह भी नही भूलना चाहिय की जिस जगह आप अरबपति बन रहे है वो जमीन उनके पुरखो ने सहज के रखी थी,मगर चंद पैसो एवं सरकारी फरमानो के आगे हजारो एकड जमीन हमारे किसानो ने दी है,बदले मे हम रोजगार ही तो मांग रहे है।मेरी बात प्रबंधको को कड़वी लेगेगी,मगर अपने संबध अलग जगह है और यह बात अलग है।चलते चलते यह अनाड़ी शासन एवं प्रशासन से भी यह आग्रह करता है कि वे भी कारखानो के संबधो को कुछ समय के लिए अलग रखकर क्षेत्र के युवाओ के भविष्यो पर ध्यान दे।अपने प्रगाढ संबधो के फैर मे इन युवाओ का भविष्य डूब रहा है...!9413063300

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