ईट का जबाब पत्थर से क्यो नहीं...!
आईबीखान की कलम से विशेष...
ताजा अमानवीय पाकिस्तानी हमले मे 18 सैनिकों के शहीद और कुछ के घायल होने की उसकी नापाक, धोखेबाजी,घटिया और घृणित हरकतों का अब भारत को उसे सही से ईट का जबाब पत्थर से देने का समय आ गया है ताकि उसे कुछ अकल आ सके।अब तक बहुत सब्र और सँतोष हो चुका है और वह अब ऐसे बाज आने वाला नहीं है।ऐसे मे क्यो नहीं अब ईट का जबाब पत्थर से ही दे दिया जाय।अब तक न जाने देश को कितने अमूल्य जानमाल की हानि पहले ही हो चुकी है।
ऐसे शहीदों की किमत कोई कभी दे नहीं सकता मगर सरकार व्दारा तुरंत पूरे सम्मान के साथ उनके परिवारों और आश्रितो को बडी से बडी आर्थिक मदद और घायलों को उचित क्षतिपूर्ति देना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा भारत मे जो लोग अलगाववादीयो की तरफदारी एवं स्वागत सत्कार करते है,ऐसे लोगों पर भी सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।कल मै माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कोझिकोड मे दिया गया ओजस्वी भाषण सुन रहा था तो कुछ उम्मीद जगी की अब भारत कडे तेवर अपना रहा है।लेकिन मेरा मानना है कि अब केवल भाषण या बातचीत से नापाक मानने वाला नहीं है।यह सही है हमने आगे होकर आजतक किसी पर हमला नहीं करते लेकिन कोई हमें बार बार इसके लिए उत्तेजित करता है तो उसे उसको उसी भाषा मे जबाब दे देना चाहिए।यही नहीं भारत मे पाकिस्तान के जो राजदूत है को भी यहां से विदाई दे देनी चाहिए, क्योंकि बासित भारत मे रहकर उन अलगाववादीयो की तरफदारी करते है,वे अलगावादी लोग अपने बच्चों को विदेशों मे पढाते है और काश्मीर के युवाओं को लगातार भडकाते है।अतः अब भारत को ईट का जबाब पत्थर से दे देना चाहिए।पूरी दुनिया जानती है की पाकिस्तान आतकवादीयो की फैक्ट्री है...।
इंट का जवाब पथर से दे दिया है, आज 29/09/2016_ को मोदी जी ने अठारह शहिदो की शहादत को अड़तीस जानो से दिया है ।
जवाब देंहटाएंमोदी जी जिंदाबाद