सर्दी के आगाज के साथ शुरू हुआ रजाई उधोग जैतारण-पाली...आई.बी.खांन
मारवाड-गोडवाड में गुलाबी सर्दी की दस्तक के साथ ही इन दिनो रजाई-गदेला बनाने का कार्य शुरू हो गया है। हस्त उधोग के रूप में अपनी बेमिशाल कारीगरी के रूप में काम करने वाले लोग इन दिनो इस कार्य में व्यस्त हो गये है। मारवाड-गोडवाड में आमतौर पर यू तो यह कार्य माह सितम्बर से ही शुरू हो जाता है लेकिन इसबार बेमौसमी बरसात एवं अतिवृष्टि की काली छाया इस धंधे पर भी पडने के कारण माह अक्टूबर में जाकर यह कार्य मंतरगति से अब शुरू हुआ है।हालांकि इसबार इसकी सीजन गतवर्ष की तुलना में थोडी फीकी जरूर है,लेकिन दीपावली के बाद यह धंधा पूर्ण यौवन पर चलने की उम्मीद है। मारवाड में इन दिनो किसानो की कपास की फसल की आवक भी शुरू हो गई है जहां किसान अपनी जरूरत के मुताबिक कपास की पिजाई करवाकर अपने घरेलू उपयोग के लिए रजाई-गदेला बनाते है। शहर संस्कृति के बढते प्रचलन का असर इस हस्त उधोग पर भी इसबार पड रहा है क्योकि बाजार में रेडीमेन्ट कम्बल एवं रजाईया आने के कारण लोगो की रूची रजाई-गदेला बनाने में थोडी कम हुई है। जैतारण में मै भी इसी उधोग से अपनी आजीविका चलता हूं। यह तस्वीर भी मेरी है जहां पत्रकारिता के साथ साथ इसे भी संभाल रहा हूं। 9413063300
Post a Comment