कभी भी कहर बरपा सकती है यह क्षतिग्रस्त पानी की टँकी (जैतारण-आईबीखान)।
जैतारण जलदाय विभाग की इसे लापरवाही कहा जाय या फिर अनदेखी का आलम...! क्योंकि शहर की एक पानी की टँकी पिछले लम्बे समय से पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने के बावजूद जलदाय विभाग इसे विधिवत सुरक्षित रूप से धराशायी करने पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाया है।कार्यवाही के नाम पर मात्र इस विशालकाय टँकी के क्षतिग्रस्त होने एवं इससे आमजन को दूर रहने कि एक सूचना चश्चा कर इस क्षतिग्रस्त टँकी को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
जैतारण शहर के राजकीय चिकित्सालय के सामने एवं राज्य सरकार के पचायती राज मँत्री सुरेन्द्र गोयल के कार्यालय के पिछवाडे महज दस कदम पर खडी यह पानी की टँकी जर्जर अवस्था मे खडी है।हालांकि जलदाय विभाग ने इसकी क्षतिग्रस्त हालत को देखकर इससे होने वाली जलापूर्ति को भले ही बँद कर दिया है,लेकिन इसकी हालत यह हो रखी है की यह टँकी उपर से नीचे तक जगह जगह से क्षतिग्रस्त पडी है,जहां यह कभी भी गिर सकती है।चिकित्सालय के आसपास के चौराहे पर दिनभर जहां लोगों का जमावड़ा तो लगा रहता ही है,वहीं मुख्य सडक मार्ग होने की वजह से यहां वाहनों का आवागमन भी दिनभर लगा रहता है।टँकी से कुछ ही कदम दूर स्थित शहर की मुख्य सडक पर जब भी भारी वाहन निकलते है तो आसपास के क्षेत्रों मे कम्पन होता है,ऐसे क्षतिग्रस्त हालत मे खडी यह टँकी किसी दिन गिर कर आमजन पर अपना कहर बरपा सकती है।उल्लेखनीय है कि कुछ महिनो पहले इस टँकी की सिढिया अचानक गिर जाने से मौके पर अफरा तफरी मच गई थी।गनीमत यह रहा की उस वक्त टँकी के नीचे कोई मौजूद नहीं था इसलिए कोई हादसा नहीं हुआ।अब जब इस टँकी की जर अवस्था हो रखी है तो फिर जलदाय विभाग इसे धराशायी क्यों नहीं कर पा रहा है।क्या जलदाय विभाग बडा हादसे का इतजार कर रहा है...।9413063300
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