कम क्यों नहीं हो रही है बैंको मे कतारे...? आईबीखान की कलम से
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी जी व्दारा विगत 8 नवम्बर की रात को 1000 व 500 सौ रूपये के नोटबँद करने का ऐलान करने के बाद गत 9 नवंबर से देशभर की बैंको के बाहर नोट जमा करवाने एवं नोट निकालने के लिए लग रही कतारे नोटबँदी के 48 वे दिन भी कम होने का नाम नहीं ले रही है।आलम यह है कि इन बैंको के बाहर सुबह से सायं तक लोगों की कतारे अपनी बारी आने के इँतजार मे दुखी मन से खडी होने को मजबूर है।माननीय प्रधानमंत्री जी व्दारा बार बार हालत जल्द सामान्य होने की बात करते आ रहे है,लेकिन अब जब नोटबँदी की मियाद खत्म होने मे बामुश्किल दो दिन अवशेष रहे है,ऐसे मे मेरे जहन मे बार बार एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कम क्यों नहीं हो रही है बैंको के बाहर लगने वाली यह रोज की कतारे...!नोटबँदी के बाद आमजन को आ रही नगदी की दिक्कत अब तक समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।सरकारी स्तर पर लोगों की समस्याओं को दूर करने के न केवल अनेकानेक वायदे किए जा रहे है,बल्कि समस्या दूर करने की दिशा मे कदम भी उठाया जा रहे है,लेकिन कडवी सचाई यह है कि हररोज लोगों के समक्ष नोट निकालने एवं जमा करवाने की समस्या ही रहती है।इस समस्याओं को जन्म देने वाले भ्रष्ट बैंक कर्मियों का बडा किरदार नजर आ रहा है,जो माननीय प्रधानमंत्री जी की इस योजना को आगे बढने से रोक रहे है।मै माननीय प्रधानमंत्री जी की नोटबँदी घोषणा का विरोध नहीं करता बल्कि मेरा विरोध बैंक व्यवस्थाओं पर है जो की बैक कर्मचारी, अधिकारियों व्दारा अपने नियम कायदे आमजन पर जबरन थोप रहे है।मुझे नहीं लगता की आने वाले कई दिनों तक बैंको के बाहर लगने वाली यह कतारे कम हो सकेगी...।9413063300
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