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जैतारण की तो जवाई से,लेकिन गांवो की कहा से बुझेगी प्यास


जैतारण(आईबीखान)
जैतारण शहर की तो भले ही चंद दिनो मे जवाई बांध से प्यास बुझने लगेगी,लेकिन बड़ा सवाल यह है की तो फिर ग्रामीण अंचलो की यह प्यास किसे बुझेगी,दरअसल जलदाय मंत्री सुरेन्द्रगोयल के गृह विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांवो मे स्थानीय जलदाय विभाग के रहमो करम से जनता पेयजल की विकराल समस्या से झूझ रही है,लेकिन इन गांवो में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए फिलहाल मुझे तो कोई ठोस प्रयास होते दिखाई नही दे रहे है।जलदाय मंत्री ने अपने वादे के मुताबिक जैतारण मे जवाई बांध का पानी लाने का अपना वादा तो निभा रहे है,मगर यह पानी जैतारण के देहाती क्षेत्रो मे एक साल से पहले नही पहुच पाएगा,ऐसे मे स्पष्ट है की जवाई बांध के पानी आने तक के इंतजार मे ग्रामीणो को एक साल तक तो परेशान होना ही पडेगा...!जैतारण क्षेत्र मे कम वर्षा एवं अधिक जल दोहन के कारण इस क्षेत्र का जलस्तर काफी हद तक नीचे चला गया है,नतीजन सैकड़ो मे कृर्षि सिचाई तो क्या यहां ग्रामीणो के पीने के पानी के भी लाले पड़ रहे है।जैतारण के घोड़ावड,आनन्दपुर कालू की ढाणियो,हुनावास सहित अनेक गांवो मे गर्मी के आगाज के साथ ही पेयजल की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है,लेकिन हैरत की बात तो देखिए जलदाय विभाग अभी तक इन गांवो मे पेयजल की समस्या होना मान नही रहा है।यधपि जलदाय मंत्री के व्दारा ग्रामीण अंचलो में पेयजल के पुख्ता इंतजाम करने के बार बार स्थानीय अधिकारी को ताकिद करते आ रहे है लेकिन अधिकारी हर गांव मे कोई न कोई नई खामिया निकालकर टाईम निकाल रहे है,अब जब गर्मी का समय शुरू हो गया है तो लाजमी है पेयजल समस्या से वर्षो से सामने करते आ रहे ग्रामीणो के लिए आगामी दिनो पानी के लिए परेशान होने के अलावा और कोई विकल्प नही है।मेरी बात कईयो को यह कड़वी भी लगेगी,लेकिन परम सत्य यह है कि जलदाय मंत्री के गृह क्षेत्र मे अनेक गांव ऐसे भी है जहां के ग्रामीणो की टेकरो से पानी खरीदना एक मजबूरी सा बन गया है।जैतारण क्षेत्र मे ऐसा भी नही की सरकारी स्तर पर कोई बोरवेल अथवा सरकारी कुएं नही है।वहां है जरुर लेकिन अधिकतर कुएं गर्मी मे जबाब देने लगे है तो अधिकतर कुओ का जलस्तर सुख गये है।अकेले झुझण्डा की बात की जाय तो वहां के ग्रामीण सरकारी खर्च की बजाय अपने निजी खर्च से गांव का एक कुआ किराये पर लेकर अपने गांव की प्यास बुझाने के पिछले कई महिनो से जतन करते आ रहे है,कुछ ऐसे ही जतन अन्य गांवो मे भी हो रहे है,ऐसे मे बार बार मेरे मन मे एक ही सवाल उठ रहा है कि जैतारण शहर की तो जवाई बांध से लेकिन गर्मीयो मे पेयजल समस्याग्रस्त गांवो की प्यास कैसे बुझेगी...?जैतारण मे जल महकमे मे लगे अधिकारीयो के भरोसे तो इन गांवो में मुझे एक साल तो क्या आगामी दो सालो तक जवाई बांध का पानी पहुचता दिखाई नही दे रहा है।ऐसे में जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल को इसके बारे मे एक बार फिर गहनता के साथ सोचना होगा,जैतारण का जलदाय विभाग की कार्यशैली के बारे मे तो लोगो में यह चर्चा है की यहां आम आदमी की तो समय पर सुनवाई नही होती है,मामूली काम के लिए यहां मंत्रीजी अथवा किसी प्रभावशाली की सिफारिश पर ही समस्या का समाधान हो पाता है...9413063300

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