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तो क्या ठेकेदार की लापरवाही यू ही भुगतेगी जनता,लापरवाही की भी हद होती है


जैतारण(आईबीखांन)।
जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल के गृहशहर मे इन दिनो आनन फानन मे चल रहे सीवरेज लाईन बिछाने के कार्यो मे सीवरेज के ठेकेदारो व्दारा अपने कार्यो मे बरती जा रही लापरवाही की पीड़ाओ से अब आमजन परेशान होने लगा है।बेतरतीब रूप से किये जाने वाले इन कार्यो मे ठेकेदारो के श्रमिको व्दारा जहां आये दिन शहर की पाईप लाईने तौड़ रहे तो दूरसंचार की भूमिगत केबलो को भी जगह जगह से तेसनेस करके रख दिया है।शहरभर की प्रमुख सड़को को खडड़ो मे तब्दिल करके रख दिया है।जैसा की अपन पहले ही कई बार यह लिख चुके है की अपन सीवरेज के विरोधी नही है,इसका मतलब यह नही की ठेकेदार लापरवाहीपूर्वक कार्य करे और यह अनाड़ी कलमकार नगरपालिका की तरह अपनी आंखो काली पटटी बांध ले,मे ऐसा नही कर सकता...शहर मे इस सीवरेज के कार्य ने अस्त व्यस्त करके रख दिया है।ठेकेदार लापरवाही पर लापरवाही बरते और नगरपालिका उनको ताकिद न करे,यह बात इस फकड़ कलमकार के आजतक समझ मे नही आ रही है की आखिर पालिका चुप क्यो है।अपन सीवरेज के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई टिका टिप्पणी नही करना चाहते,क्योकि इसकी शिकायत तो करने वालो ने लोकायुक्त के समक्ष कर चुके है।अपन एक शहर के नागरीक होने के नाते जब सीवरेज के कार्य के कारण आमजन को जो तकलीफ होती है तो उसकी पीड़ा अपन को भी होती है।माना की सीवरेज शहर के लिए वरदान साबित होगी,लेकिन इसका मतलब यह नही की यह वरदान सिध्द होने से पहले लोगो के लिए अभिश्राप बने।शहर मे सीवरेज की लाईनो मे आये दिन छोटे बड़े वाहन धंसते है तो दुपहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार बन रहे है मगर यह दुर्भाग्य की बात है की जिम्मेदार लोग चुपचाप है।यह तो एक जलदाय विभाग ही ऐसा है जो अपनी लाईने टूटने पर भी ठेकेदार के खिलाफ अभी तक कानूनन कार्यवाही नही कर पा रहा है अलबता विभाग सरकारी सम्मति को क्षति पहुचाने का यदि ठेकेदार के खिलाफ एक सरकारी मामला दर्ज करवा दे तो यह रोज रोज लाईने तौड़ना भूल जाएगे,मगर जलदाय विभाग भी ऐसी हिम्मत अभी तक जुटा नही पा रहा है।चलते चलते इस अनाड़ी कलमकार का तो यही तर्क है की कुछ हद तक जैतारण की जनता भी इसके लिए दोषी है जो मुशीबते झेलने के बाद भी अपना मुंह नही खोलती,उलटा इस फकड़ कलमकार को ही परेशान करती रहती है।9413063300

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