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आखिर जवाईबांध के नाम पर कबतक यू ही पीते रहेगे लोग मटमैला पानी...!


जैतारण(आईबीखांन)।
राज्य सरकार के जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने अपनी घोषणा के मुताबिक अपने गृह शहर जैतारण  मे वर्षों से लंबित चले आ रहे जवाई जल परियोजना का पानी भले ही जैतारण तक पहुंचाने का अपना वादा पूरा कर दिया गया, लेकिन जवाई जलपरियोजना से जुडे अधिकारियों व्दारा आनन फानन इस योजना का पानी जैतारण तक पहुंचाने के लिए अपने कार्यो मे बरती गई लापरवाही का खामियाजा इन दिनो जवाई बांध के पानी से अपने हल्क तर करने वाले शहर के लोगों को जवाई बांध के पानी के नाम पर मटमैला पानी पीने को विवश है।यह दिगर बात है की माननीय मंत्री के कर कमलों व्दारा इस बहुप्रतीक्षित पायलट प्रोजेक्ट का जल महकमे के अधिकारियों ने विधिवत उद्घाटन करवा दिया गया, लेकिन हकीकत यह है यह पानी आज भी शहर की आधी आबादी मे वितरण नहीं हो पा रहा है,जहां वितरण हो रहा है वहां लोगों का आरोप है कि जवाईबांध के पानी उनके नलों मे मटमैला ही आ रहा है।लोगों की इस शिकायत को लेकर इस अनाडीकलमकार ने सोजत के एक्सईएन मोहनसिंह से बात की जहां उन्होंने बताया की असल मे कम प्रेशर के साथ पाईप लाईन से पानी आने के कारण इन लाईनो मे जमा मिट्टी पाईप लाईन के पानी के साथ बहकर आ रही होगी, जिसका सुधार करवाया जाएगा।मुझे श्री XEN साहब का यह तर्क हजम नहीं हो रहा है।जैतारण मे जवाईबांध का पानी लगभग दो तीन महीने से आ रहा है।क्या इस अवधि तक भी अभी तक जवाईबांध से जैतारण तक आ रही भूमिगत पाईप लाईनो की अबतक सफाई नहीं हो पाई...!जैसा की लोग बता रहे है कि उनके नलों मे आने वाले जवाईबांध के मीठे पानी के साथ मिट्टी आ रही है जिसकी परतें आये दिन मटकों एवं दिगर जल संग्रह करने वाले मे जमा होती स्पष्ट देखी जा सकती है।लोगों के मुताबिक जैतारण मे मीठा पानी तो आ रहा है,लेकिन वो पानी अशुद्ध है।इस अनाडीकलमकार ने इस पानी से मानव शरीर को होने वाले नुकसान को लेकर कुछ चिकित्सको से भी बात की जहां उन्होंने पहले तो अपनी सलाह देना उचित नहीं समझा, लेकिन बाद मे दबी जबान मे अपनी सलाह देते यह जरूर कहा की जहां तक हो सके पानी को उबालकर ठण्डा करके पीना चाहिए।उनका यह भी तर्क था की यदि पानी के साथ मिट्टी आती है तो इस पानी का सेवन करने वाले व्यक्ति के पेठ मे पत्थरी भी हो सकती है।जैसा की अपन पहले यह बता चुके है की जैतारण मे जवाईबांध का पानी फिलवक्त आधे इलाके मे ही वितरण किया जा रहा है।चुकि वंचित क्षेत्रों मे जलसंग्रहण की व्यवस्था नहीं होने के कारण स्थानीय अधिकारी चाहकर भी यह पानी पूरे शहर मे वितरण नहीं कर पा रहे है।हालांकि विभाग का दावा है की गीता भवन इलाके मे बडी टंकी का निर्माण कार्य पूरा हो गया है,जहां आने वाले कुछ दिनों मे वंचित क्षेत्रों मे भी जवाईबांध का मीठा पानी वितरण किया जाएगा, लेकिन इस अनाडीकलमकार का सवाल यह है की आखिर जवाई के नाम पर यह मटमैला पानी क्या यू ही वितरण होगा या इस पर अंकुश लगेगा...!एक कलमकार के रूप मे मुझे लगता है की जवाईबांध से जो पानी जैतारण आ रहा है वो फिल्टेड पानी नहीं है,अलबत्ता पाली एवं सोजत शहर सहित दिगर जगहों पर ऐसा पानी आने की फिलहाल शिकायत नहीं है,यह शिकायत मंत्रीजी के अपने शहर मे ही क्यों आ रही है।चलते चलते अपन तो यही कहेंगे की माननीय मंत्रीजी एवं जवाई जलपरियोजना से जुडे अधिकारियों को जैतारण के लोगों की इस शिकायत पर चिन्तन जरूर करना चाहिए...9413063300

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