तो क्या शहरी निकाय किसीकी डेगू और मलेरिया से मौत का कर रही है इंतज़ार...!
जैतारण(आईबीखांन)।
जैतारण शहरी निकाय एवं चिकित्सा महकमे व्दारा शहर मे मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आमजन मे जागरूकता अभियान नहीं चलाये जाने के कारण शहरी आवाम इन दिनों मौसमी बीमारियों की चपेट मे आ रही है।शहरी निकाय के दिगर हुक्मरानों व्दारा बरसाती जलभराव एवं दिगर गंदे नालो वाले क्षेत्रों मे मलेरिया एवं डेगू जैसे घातक रोगों के बचाव के लिए न तो अल्फासाईजर पाउडर का फोगिंग करने की जहमत उठा रहे है और न ही नालो एवं नालियाँ मे एमएलओ का छिडकाव करवाया जा रहा है।जैसा की सर्वविदित है की जैतारण शहरी निकाय क्षेत्र मे बरसाती पानी की न तो निकासी की व्यवस्था उचित है और न ही इस शहर मे सफाई व्यवस्था के मकूलम इंतजाम है,ऐसी स्थिति मे इन दिनों जलभराव वाले क्षेत्रों मे मच्छरों एवं दिगर रोगाणुओं की भरमार है।ऐसी स्थिति मे शहरी निकाय व्दारा जलभराव वाले क्षेत्रों मे इन दिनों न तो इन मच्छरों और रोगाणुओं को मारने के लिए न तो फोगिंग करवाया जा रहा है और न ही पाउडर का छिडकाव करवाया जा रहा है।उल्लेखनीय है की मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए यू तो चिकित्सा विभाग को भी सर्तक रहना पडता है,लेकिन बात शहरी निकाय की चल रही है तो यह बताना लाजमी है की शहरी निकाय को इसके लिए बकायदा बजट आवंटित होता है,यही नहीं ऐसी स्थिति बनने पर वे किटनाशक पदार्थ अपने स्तर पर भी खरीद सकते है।हालांकि शहर मे फोगिंग करने के लिए गतवर्ष अपनी शहरी निकाय ने छ:फोगिंग मशीनों की खरीद भी की थी जो आज उचित रखरखाव के अभाव मे खराब होकर शहरी निकाय मे धूल फाक रही है।सुना तो यह भी जा रहा है की शहरी निकाय शहर मे स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कागजों मे इनका उपयोग लेकर इनका खर्च राशि बताई जा रही है।शहर से निकलने वाले नयापुरा के सबसे बडे नाले के आसपास रहने वाले लोगों का तो इन दिनों वहां मच्छरों एवं दिगर रोगाणुओं के कारण जीना दुश्वार हो रहा है,उनको न तो रातो को इन मच्छरों की भरमार के कारण न तो नींद आ रही है और न ही दिन उनको सकु मिल रहा है।कुछ ऐसे हालात अपनी पोश अजीम काँलोनी के भी हो रखें है।शहर की कजावा बस्ती, तालकिया मार्ग, मेडता मार्ग सहित दिगर जगहों पर लोगों का इन दिनों जीना मुहाल हो रखा है।मझेदार बात तो देखिए शहरी हुक्मरान शहर को स्वच्छ बनाने के लिए कागजों मे खुब कवायद करने मे पीछे नहीं है...!यह उनकी शुरू से ही आदत मे शुमार है और अपन इसमें दखलअंदाजी नहीं करते।चलते चलते अपन तो यही कहेंगे की क्या शहरी निकाय शहर मे किसी की मलेरिया या डेगू से मौत होने के बाद शहर मे फोगिंग एवं पाउडर का छिडकाव करेगा।मुझे तो इनकी इस कार्यशैली से तो यही प्रतीत होता है,अलबत्ता ऐसा नहीं होता तो अबतक यह लोग कागजों मे नहीं बल्कि हकीकत मे शहरी गली कूचो मे फोगिंग कर देते... लेकिन यह जैतारण नगरपालिका जो है....9413063300
---फाईल फोटोज
जैतारण शहरी निकाय एवं चिकित्सा महकमे व्दारा शहर मे मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आमजन मे जागरूकता अभियान नहीं चलाये जाने के कारण शहरी आवाम इन दिनों मौसमी बीमारियों की चपेट मे आ रही है।शहरी निकाय के दिगर हुक्मरानों व्दारा बरसाती जलभराव एवं दिगर गंदे नालो वाले क्षेत्रों मे मलेरिया एवं डेगू जैसे घातक रोगों के बचाव के लिए न तो अल्फासाईजर पाउडर का फोगिंग करने की जहमत उठा रहे है और न ही नालो एवं नालियाँ मे एमएलओ का छिडकाव करवाया जा रहा है।जैसा की सर्वविदित है की जैतारण शहरी निकाय क्षेत्र मे बरसाती पानी की न तो निकासी की व्यवस्था उचित है और न ही इस शहर मे सफाई व्यवस्था के मकूलम इंतजाम है,ऐसी स्थिति मे इन दिनों जलभराव वाले क्षेत्रों मे मच्छरों एवं दिगर रोगाणुओं की भरमार है।ऐसी स्थिति मे शहरी निकाय व्दारा जलभराव वाले क्षेत्रों मे इन दिनों न तो इन मच्छरों और रोगाणुओं को मारने के लिए न तो फोगिंग करवाया जा रहा है और न ही पाउडर का छिडकाव करवाया जा रहा है।उल्लेखनीय है की मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए यू तो चिकित्सा विभाग को भी सर्तक रहना पडता है,लेकिन बात शहरी निकाय की चल रही है तो यह बताना लाजमी है की शहरी निकाय को इसके लिए बकायदा बजट आवंटित होता है,यही नहीं ऐसी स्थिति बनने पर वे किटनाशक पदार्थ अपने स्तर पर भी खरीद सकते है।हालांकि शहर मे फोगिंग करने के लिए गतवर्ष अपनी शहरी निकाय ने छ:फोगिंग मशीनों की खरीद भी की थी जो आज उचित रखरखाव के अभाव मे खराब होकर शहरी निकाय मे धूल फाक रही है।सुना तो यह भी जा रहा है की शहरी निकाय शहर मे स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कागजों मे इनका उपयोग लेकर इनका खर्च राशि बताई जा रही है।शहर से निकलने वाले नयापुरा के सबसे बडे नाले के आसपास रहने वाले लोगों का तो इन दिनों वहां मच्छरों एवं दिगर रोगाणुओं के कारण जीना दुश्वार हो रहा है,उनको न तो रातो को इन मच्छरों की भरमार के कारण न तो नींद आ रही है और न ही दिन उनको सकु मिल रहा है।कुछ ऐसे हालात अपनी पोश अजीम काँलोनी के भी हो रखें है।शहर की कजावा बस्ती, तालकिया मार्ग, मेडता मार्ग सहित दिगर जगहों पर लोगों का इन दिनों जीना मुहाल हो रखा है।मझेदार बात तो देखिए शहरी हुक्मरान शहर को स्वच्छ बनाने के लिए कागजों मे खुब कवायद करने मे पीछे नहीं है...!यह उनकी शुरू से ही आदत मे शुमार है और अपन इसमें दखलअंदाजी नहीं करते।चलते चलते अपन तो यही कहेंगे की क्या शहरी निकाय शहर मे किसी की मलेरिया या डेगू से मौत होने के बाद शहर मे फोगिंग एवं पाउडर का छिडकाव करेगा।मुझे तो इनकी इस कार्यशैली से तो यही प्रतीत होता है,अलबत्ता ऐसा नहीं होता तो अबतक यह लोग कागजों मे नहीं बल्कि हकीकत मे शहरी गली कूचो मे फोगिंग कर देते... लेकिन यह जैतारण नगरपालिका जो है....9413063300
---फाईल फोटोज
Post a Comment