...और यहां रेन बसेरे की आस मे तरस गए नेन...!
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जैतारण(आईबीखान)।
जैतारण नगरपालिका प्रशासन के व्दारा अब तक जैतारण नगर पालिका परिसर मे अस्थायी रेन बसेरा स्थापित नहीं करने के कारण रात्रि के समय मे मुसाफिरो को इस सर्दी के मौसम मे भारी परेशानी झेलनी पड रही है,अब जब माह नवंबर भी बीतने को आया लेकिन रेन बसेरा का अभी तक कोई अता पता नहीं है।उल्लेखनीय है कि बेसहारा लोगों एवं मुसाफिरो के लिए सर्दी के मौसम मे यू तो जैतारण नगर पालिका के व्दारा हर साल नगर पालिका परिसर मे अस्थायी रेन बसेरा स्थापित करती है,लेकिन इसबार लगता है पालिका प्रशासन इसकी स्थापना करना भूल गया है।
जैतारण से विभिन्न गावों के लिए जाने वाली गाड़ीयो का आवागमन आठ बजे बाद बँद हो जाता है,ऐसे मे यदि दूर गांव का यात्री अपने गांव जाने के लिए किराया की गाड़ी लेकर गांव जाता है,कई गरीब तबके के मुसाफिर किराए की गाड़ी नहीं ले जा सकते उनको जैतारण मे ही रात बितानी पडती है,लेकिन इस कडाके की सर्दी मे उनको इन दिनों या तो जैतारण रोडवेज बस स्टेण्ड मे रात गुजारनी पडती है या फिर सुबह होने तक के इँतजार अलाव जलाकर इधर उधर शरण लेने को मजबूर होगा पडता है,जबकि नगर पालिका को माह नवंबर के आगाज के साथ रेन बसेरे की स्थापना करनी होती है,लेकिन जैतारण नगरपालिका अबतलक यह व्यवस्था नहीं कर पाया है।यहां आने वाले मुसाफिरो को रेन बसेरे मे आश्रय को लेकर इधर उधर भटकने को मजबूर होगा पड रहा है।इस संबंध मे नेताप्रतिपक्ष सुनील राठौड़ ने जैतारण नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को जनहित मे शहर मे रेन बसेरा स्थापित करने की मांग करते कहा की इसमें अब विलंब नहीं किया जाना चाहिए...! मालूम हो कि जैतारण नगरपालिका हर साल माह नवंबर मे शहर मे बेसहारा एवं मुसाफिर लोगों के लिए जैतारण मे रेन बसेरा खोलती है,जिसके लिए पालिका को सर्दी से बचाव के लिए ऐसे लोगों के लिए न केवल रात्रि विश्राम, अलबत्ता अलाव जलाने तक की व्यवस्था करनी होती है,और इस पर बजट का भी प्रावधान है।लेकिन फिलहाल जैतारण मे यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पा रही है।नगरपालिका के हुक्मरानों को इस मामले मे तत्परता दिखानी चाहिए...!
9413063300
फोटो साभार....
जैतारण से विभिन्न गावों के लिए जाने वाली गाड़ीयो का आवागमन आठ बजे बाद बँद हो जाता है,ऐसे मे यदि दूर गांव का यात्री अपने गांव जाने के लिए किराया की गाड़ी लेकर गांव जाता है,कई गरीब तबके के मुसाफिर किराए की गाड़ी नहीं ले जा सकते उनको जैतारण मे ही रात बितानी पडती है,लेकिन इस कडाके की सर्दी मे उनको इन दिनों या तो जैतारण रोडवेज बस स्टेण्ड मे रात गुजारनी पडती है या फिर सुबह होने तक के इँतजार अलाव जलाकर इधर उधर शरण लेने को मजबूर होगा पडता है,जबकि नगर पालिका को माह नवंबर के आगाज के साथ रेन बसेरे की स्थापना करनी होती है,लेकिन जैतारण नगरपालिका अबतलक यह व्यवस्था नहीं कर पाया है।यहां आने वाले मुसाफिरो को रेन बसेरे मे आश्रय को लेकर इधर उधर भटकने को मजबूर होगा पड रहा है।इस संबंध मे नेताप्रतिपक्ष सुनील राठौड़ ने जैतारण नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को जनहित मे शहर मे रेन बसेरा स्थापित करने की मांग करते कहा की इसमें अब विलंब नहीं किया जाना चाहिए...! मालूम हो कि जैतारण नगरपालिका हर साल माह नवंबर मे शहर मे बेसहारा एवं मुसाफिर लोगों के लिए जैतारण मे रेन बसेरा खोलती है,जिसके लिए पालिका को सर्दी से बचाव के लिए ऐसे लोगों के लिए न केवल रात्रि विश्राम, अलबत्ता अलाव जलाने तक की व्यवस्था करनी होती है,और इस पर बजट का भी प्रावधान है।लेकिन फिलहाल जैतारण मे यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पा रही है।नगरपालिका के हुक्मरानों को इस मामले मे तत्परता दिखानी चाहिए...!
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