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तो क्या जवाईबांध का जल रितने के बाद पहुचेगा वंचित गांवों मे पानी

आईबीखान की कलम से...
सूबे के जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल के कर कमलो व्दारा ठीक आज से एक साल पहले जैतारण शहर सहित ग्रामीण अंचलों मे जवाई जलपरियोजना का जैतारण मे विधिवत शुभारंभ किये जाने के बावजूद पिछले एक वर्ष मे जवाईबांध जलपरियोजना का कार्य मंतरगति से चलने एवं अपने विभाग के विभागिय अधिकारियों की उदासीनता के कारण बहुप्रतीक्षित यह योजना अभी तक फलीभूत नहीं हो पा रही है।20 मई 2017 को जब जैतारण स्थित जलदाय विभाग के दफ्तर मे मंत्री गोयल व्दारा इसका शुभारंभ किया गया था तो उन्होंने उपस्थित लोगों के समक्ष यह घोषणा कर वादा किया था की जून 2018 तक समस्त गांवों मे जवाईबांध का मीठा पानी पहुचा दिया जाएगा, लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो पिछले एक साल मे इस परियोजना का लाभ जैतारण शहर के अलावा चावण्डिया, देवरिया, आगेवा, खेडारामगढ,पाटवा, सांगावास,जनासनी, कारोलिया,पातूस,गरनीया,हुनावासकला,खुर्द, निम्बोल,लौटोती, बोगासनी,बेडकलां एवं किशननगर को मिलाकर अबतलक कुल 17 गांवों मे ही इसका पानी पहुंच पाया है,जबकि जैतारण एवं रायपुर के कुल 133 गांवों मे इसका पानी पहुचाने का इस परियोजना मे प्रावधान था,मगर इसे विडंबना ही कहा जाएगा की माननीय मंत्रीजी के क्षेत्र मे एक वर्ष बीतने के बावजूद इन 17 गांवों को छोडकर शेष गांवों मे अबतलक जवाईबांध का पानी नहीं पहुंच पाया है।यहां यह उल्लेखनीय है कि एक साल मे इन 17 गांवों मे पानी पहुचा है तो वंचित गांवो मे इसका पानी पहुचने मे और कितना समय लगेगा, उसका अनुमान जवाई जलपरियोजना के अधिकारियों की इस कार्यकुशलता से सहज ही लगाया जा सकता है।हालांकि गतवर्ष मानसून की मेहरबानी के कारण जवाईबांध छलकने से फिलहाल चालू समय मे जवाईबांध परियोजना का पानी जैतारण को आवश्यकता अनुसार मिल रहा है,लेकिन इसबार यदि मानसून कमजोर रहता है तो क्या यह व्यवस्था कायम रह पाएगी या नहीं... यह बात भविष्य के गर्भ मे है।एक अनाडीकलमकार होने के नाते मेरा मानना है की माननीय मंत्री व्दारा जवाई जलपरियोजना की समय पर क्रियान्वयन के लिए अपने ही विभाग के अधिकारियों पर लगाम न कसने के कारण इस परियोजना मे यू विलंब हो रहा है।इस परियोजना से लाभान्वित होने से अब तक वंचित रहे गांवों के लोगों का कहना है कि यदि जवाई जलपरियोजना का यह कार्य इसी तर्ज पर चलता रहा तो उनके गांवो मे यह पानी पहुचने से पहले कई जवाईबांध स्वयं रित न जाय,चुकी जवाईबांध का भराव मानसून की बरसात पर निर्भर है,जैतारण शहर मे तत्कालीन तकनीकी अधिकारियों की दिन रात की मेहनत की बदौलत वर्तमान मे शहर मे पानी की फिलहाल समस्या नहीं है,मगर नये अधिकारियों व्दारा इस परियोजना पर अपनी पैनी नजर एवं समय समय पर शहर की पाईप लाईनों के आवश्यक रख रखाव के प्रति ध्यान नहीं दिया गया तो शहर मे पेयजल की समस्या खडी होने मे देर नहीं लगेगी...9413063300

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