तो क्या पालिका की मुख्याजी की गैर मौजूदगी मे होगी यह बैठक
आईबीखांन, जैतारण की कलम से
जैतारण शहरी निकाय की साधारण सभा की बैठक आयोजित करने को लेकर सत्तापक्ष एवं विपक्षी सदस्यों व्दारा बार बार मांग किये जाने के बावजूद शहरी निकाय की बैठक आयोजित न होने पर बैठक के अभाव मे शहर के विकास सहित दिगर कार्यों की सफल क्रियान्वित के लिए आ रही मुश्किलों को दूर करने के आखिरकार अब जैतारण नगरपालिका की साधारण सभा की बैठक आगामी 13 जुलाई बेरोज जुम्मे के दिन मुर्कर कर दी गई है।लेकिन यह बैठक इस बार पालिका की मुख्याजी की जरे सदारत मे नहीं बल्कि शहरी निकाय के नियमों की छानबीन करने के बाद इसे आहुत की जा रही है।शहरी निकाय के मुख्य हुक्मरान हरीशचंद्र गहलोत के हस्ताक्षरयुक्त पत्र को इस बैठक के आयोजन के बारे मे जो लिखा गया है उसे पढकर इस अनाडीकलमकार को यह प्रतीत होता है की यह बैठक पालिका मुख्याजी की बिना रजामंदी के ही हो रही है,अलबत्ता ऐसा नहीं होता तो 13 जुलाई को आयोजित होने वाली बैठक के लिए पालिका बोर्ड के सदस्यों को 15 सूत्री एजेडे को लेकर भेजे गए बुलावे पत्र मे उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि नगरपालिका मंडल के एक तिहाई सदस्यों की मांग के अनुसार साधारण सभा की बैठक राज.नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 52(2)के तहत नगरपालिका की बैठक आयोजित की जा रही है।सनद रहे की उक्त नियम के तहत पालिका के मुख्याजी यदि बैठक बुलाने के लिए अपनी रजामंदी नहीं देते है और पालिका बोर्ड के जनप्रतिनिधियों व्दारा बैठक बुलाने की मांग करते है तो ऐसी नोबत को दूर करने के लिए पालिका के मौजूदा बोर्ड के कुल सदस्यों मे से एक तिहाई सदस्य संयुक्त रूप से बैठक बुलाने की मांग करने पर पालिका की बैठक उपरोक्त नियमों के अनुसार आयोजित की जा सकती है और शायद यहां पर भी ऐसा ही हो रहा है।यहां यह उल्लेखनीय है की जैतारण नगर पालिका मे कांग्रेस का बोर्ड है और विपक्षी सदस्यों की सख्या कम है,लिहाजा सत्तापक्ष के सदस्य बैठक बुलाने की मांग करे और बैठक न हो तो लाजमी है उन्होंने ऐसी शक्तियों का प्रयोग करना पडा...!एक अनाडीकलमकार होने के नाते मुझे यह समझ मे नहीं आ रहा है की आखिर पालिका की मुख्याजी बैठक क्यों नहीं आयोजित कर रहे थे।क्या उनकी गैर सदारत मे यदि पालिका की बैठक आयोजित हो जाती है तो क्या उनकी इससे किरकिरी नहीं होगी...?वैसे पालिका मे इस नियम के तहत इसी बोर्ड की पहले भी बैठक आयोजित हो चुकी है,यह दिगर बात है की उस बैठक मे मुख्याजी को बैठक की सदारत करने के लिए आना ही पडा...और मुझे इस बात का गर्व है की मुख्याजी मेरे इस ब्लॉग को पढने के बाद जरूर बैठक की सदारत करने आएंगे, और न आएगें तो उनकी अपने ही बोर्ड मे किरकिरी होगी, चलते चलते किरकिरी न होने का अपन मुख्याजी को एक उपाय भी सुझा देते है की वो इस बैठक का कौरम न होने दे...तब जाकर ही बात बन सकती है वरना किरकिरी तो होगी ही...!9413063300
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